
तो भारत के जिस उत्तर प्रदेश राज्य में आज, से पहले कच्चे तेल और नेचुरल गैस जैसे, प्राकृतिक खजाने के भंडार कभी भी नहीं पाए, गए हैं अब यही उत्तर प्रदेश कच्चे तेल और, नेचुरल गैस जैसे प्राकृतिक संसाधनों के, मामले में इतिहास रचने की राह पर आगे बढ़, चुका है दरअसल आपको याद हो तो कुछ महीने, पहले यह खबर आई थी कि यूपी के कुछ जिलों, में बड़े तेल के भंडार खोजे जा चुके हैं, जिस पर ओएन जीसी खुदाई कर रही है हालांकि उस, समय यूपी के बलिया जिले में कच्चा तेल, मिलने की कई ऐसी जानकारियां थी जो कि, सामने नहीं आई थी लेकिन जैसे-जैसे ओएन जीसी, इसके खुदाई के काम को आगे बढ़ा रही है, वैसे-वैसे नेचुरल गैस और कच्चे तेल को, लेकर नई अपडेट सामने आ रही है और कमाल की, बात यह है कि कोई थोड़े बहुत जगह में नहीं, बल्कि 300 कि.मी के दायरे में कच्चा तेल, और नेचुरल गैस मिलने की रिपोर्ट सामने आ, रही है और यहां पर जो 300 कि.मी का आंकड़ा, है यह कोई छोटा-मोटा नहीं है इसीलिए इस, आंकड़े ने जो बड़े-बड़े तेल उत्पादक अरब, देश हैं उन देशों के पांव तले जमीन खिसका, कर रख दिया है और यह भी हो सकता है कि, भारत के यूपी में भारी भरकम कच्चा तेल, मिलने के कारण अमेरिका की कई रणनीतियां, फेल हो जाएं ।
आखिरकार पूरी डेवलपमेंट क्या है ?
दरअसल, अगर आप सभी इस बात को नोटिस करें तो देख, पाएंगे कि पिछले 2 सालों से भी अधिक समय, से भारत में डीजल पेट्रोल के दाम वैश्विक, उतार-चढ़ाव के बीच भी स्टेबल बने हुए हैं, लेकिन इसी बीच यूरोप के स्पेन और इटली, जैसे कंट्रीज में पेट्रोल और डीजल की कीमत, दोगुनी देखने को मिल रही है लेकिन इन्हीं, डीजल और पेट्रोल की कीमत भारत में दो गुनी, या तीन गुनी तक आने वाले समय में महंगी हो, उससे पहले भारत को इसका सॉल्यूशन मिल चुका, है और वह सॉल्यूशन है भारत के अलग-अलग, इलाकों और हाल ही में उत्तर प्रदेश के, बलिया जिले में 300 कि.मी के दायरे में, खोजे गए कच्चे तेल और नेचुरल गैस के बड़े, भंडार और इस समय जो तस्वीर अपने स्क्रीन, पर देख रहे हैं यह तस्वीर कहीं और की नहीं, है बल्कि हमारे उत्तर प्रदेश के बलिया, जिले के सागरपाली गांव की है जहां पर, ओएनजीसी के द्वारा पिछले कई दिनों से कच्चे, तेल के कुएं की खुदाई का काम चल रहा है और, आपको बता दें कि यह तस्वीर अपने आप में, ऐतिहासिक है क्योंकि ऐसा पहली बार हो रहा, है जब उत्तर प्रदेश की धरती में किसी आयल, एक्सप्लोरेशन कंपनी द्वारा कच्चे तेल और, नेचुरल गैस के कुएं खोदे जा रहे हैं, फिलहाल यूपी के बलिया जिले में कच्चे तेल, और नेचुरल गैस के बारे में और जानकारियां, बताएं उससे पहले आप कुछ बातों पर ध्यान, दीजिए सबसे पहले आप कल्पना कीजिए कि भारत, एक ऐसी बड़ी फैक्ट्री है जिसे हर दिन, सुचारू रूप से चलाने के लिए बहुत सारा, फ्यूल चाहिए लेकिन दिक्कत यह है कि इस, फैक्ट्री में खुद पर्याप्त फ्यूल नहीं, बनता इसलिए भारत नामक इस फैक्ट्री को, पड़ोसी दुकानों यानी कि दूसरे देशों से, फ्यूल खरीदना पड़ता है और दुकानदार यानी, कि आयल एक्सपोर्टर देश हैं जो हर बार तेल, के दाम अपने हिसाब से तय करते हैं अगर, अचानक दुकान बंद हो जाए या कीमतें बढ़ जाए, तो हमारी फैक्ट्री में हलचल मच सकती है और, क्योंकि यहां पर फैक्ट्री की जगह भारत है, तो पूरे भारत में हलचल मच सकती है ।
क्योंकि, भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल, उपभोक्ता और इंपोर्टर देश है ।
हम जो ऑयल और, गैस इस्तेमाल करते हैं उसका बड़ा हिस्सा, बाहर से आता है भारत में कुल खपत होने, वाले कच्चे तेल का 85% हिस्सा ऐसा है जो, हम दूसरे देशों से ही इंपोर्ट करते हैं, जिनमें मुख्य रूप से इराक सऊदी अरब यूएई, रूस और अमेरिका यह सभी देश भारत को ज्यादा, से ज्यादा क्रूड ऑयल की सप्लाई करते हैं, और ठीक ऐसे ही कंडीशन नेचुरल गैस के मामले, में भी है जहां 45 से 50% जरूरत बाहर से, पूरी होती है जिसे ज्यादातर भारत में, अमेरिका और कतर के साथ-साथ मिडिल ईस्ट देश, से इंपोर्ट किया जाता है और जहां कच्चे, तेल को रिफाइंड करके डीजल पेट्रोल और बाकी, के फ्यूल बनाए जाते हैं वहीं नेचुरल गैस, को रिफाइंड करके एलपीजी और सीएनजी जैसी, गैसेस बनाई जाती है लेकिन यहां पर ध्यान, देने वाली बात यह भी है कि भारत में गैसों, से चलने वाली फैक्ट्रीज और रोड पर चलने, वाले ट्रांसपोर्टेशन और गाड़ियां बढ़ रही, हैं लेकिन भारत में जो इसका प्रोडक्शन है, वह अभी भी लिमिटेड है इसीलिए गैस का भी, इंपोर्ट भारत में बढ़ रहा है और पिछले, अप्रैल से 2025 के जनवरी तक का आंकड़ा, देखा जाए तो इसी गैस के इंपोर्ट के लिए, 17% ज्यादा खर्च भारत को उठाना पड़ा है और, अनुमान है कि यह लगातार बढ़ता ही जाएगा और, आने वाले साल 2030 तक भारत को आज से दो, गुनी एलएनजी इंपोर्ट करनी पड़ेगी मतलब अगर, अचानक कोई देश हमें तेल या गैस देना बंद, कर दे तो पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू, सकते हैं साथ ही गैस सिलेंडर महंगा हो, सकता है और यहां तक कि बिजली उत्पादन पर, भी असर पड़ सकता है और इतने सारे सेक्टर, में भारत को अचानक नुकसान ना झेलना पड़े, और साथ ही भारत का ट्रांसपोर्टेशन किसी, दूसरे देश के साथ डिस्टर्ब ना हो इसलिए, भारत ने अब इस मामले में अपना एक कदम हटकर, चलना शुरू कर दिया है ।
दरअसल भारत ने यह तय किया है ?
कि अब घर पर ही तेल निकालो और, दूसरे देशों से इस मामले में डिपेंडेंसी, खत्म कर दो और इसी कड़ी में ओएनgसी ने हाल, ही में उत्तर प्रदेश के बलिया और बदायूं, में कच्चे तेल की खोज ने नई उम्मीद जगाई, है क्योंकि जानकारियां निकल कर आ रही है, कि बलिया जिले के सागरपाली गांव में कच्चे, तेल का भंडार मिलने की संभावना को लेकर, ओएनgसी ने खुदाई का काम और भी तेज कर दिया, है कंपनी ने स्वतंत्रता सेनानी चित्तू, पांडे के परिवार की 12 बीघा जमीन का, अधिग्रह किया है और 3001 मीटर गहराई तक, खुदाई की जा रही है यह खोज 3 महीने के, सर्वे के बाद हुई जिसमें इतनी गहराई पर, गंगा बेसिन में तेल और गैस भंडार का पता, चला यह कच्चा तेल भंडार बलिया के सागरपाली, गांव से लेकर प्रयागराज के फाफमू तक 300, किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है आपको, बता दें कि अत्याधुनिक तकनीकों से परीक्षण, किया गया जिसमें विस्फोट करके तेल के चार, संभावित स्थानों की पहचान की गई और ओएनgसी, के द्वारा यह जानकारी आ रही है कि यहां पर, रोजाना 25,000 लीटर पानी का इस्तेमाल किया, जा रहा है जिसकी जमीन को अधिग्रह पर लिया, गया है इनका कहना है कि ओएनgसी ने 3 साल, के लिए उनकी जमीन को लीज पर लिया गया है, जहां ओएनgसी ने करीब, ₹1,25,000 प्रति एकड़ का रेट तय किया है, और इस हिसाब से ओएgसी ने जमीन लीज़ पर, लेकर हर साल ₹1 लाख भुगतान करने की योजना, बनाई है यदि तेल का भंडार निकालना शुरू, होता है तो किसानों को अधिक मुआवजा मिल, सकता है और इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा, कि हर साल भारत को 160 से 200 अरब डॉलर, यानी लगभग 12 से 17 लाख करोड़ रुपए तेल और, गैस खरीदने में खर्च करने पड़ते हैं यह, रकम इतनी ज्यादा है कि इससे हर भारतीय को, मुफ्त इंटरनेट मुफ्त एजुकेशन और हेल्थ, केयर दिया जा सकता है और जिस हिसाब से कहा, जा रहा है कि कच्चे तेल और नेचुरल गैस कोई, छोटी-मोटी नहीं बल्कि बड़े-बड़े भंडार, मिले हैं इस हिसाब से अगर सही तरीके से, तेल निकालकर उसको रिफाइनिंग किया जाता है, तो हमारा यहां 160 से 200 बिलियन डॉलर, सीधे-सीधे बच जाएगा इतना ही नहीं बल्कि, अगर हमें रूस अमेरिका और सऊदी अरब जैसे, देशों से यदि कच्चा तेल और नेचुरल गैस, नहीं इंपोर्ट करना पड़ेगा तो फाइनल स्टेज, में जो डीजल पेट्रोल और बाकी के फ्यूल, प्राप्त होंगे वह उनकी ओवरऑल लागत कम आएगी, तो इंडियन मार्केट में डीजल और पेट्रोल के, दाम सस्ते हो सकते हैं और अगर सस्ते नहीं, भी होते हैं तो यह बात तो तय है कि डीजल, और पेट्रोल के दाम ऐसे ही स्टेबल बने, रहेंगे बाकी आप लोग उत्तर प्रदेश की धरती, में पहली बार कच्चा तेल पाए जाने पर क्या, कहना चाहेंगे अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।